वाई-फाई की स्पीड अगर दुरुस्त हो तो काम करने में मजा आ
जाता है।सामान्यत: वाई-फाई राउटर की रेंज 100 फीट
(30मीटर) तक या उससे ज्यादा होती है लेकिन कई कारणों के
चलते यह रेंज बहुत कम हो जाती है और इसी कारण वाई-फाई
की सिग्नल स्ट्रेंथ कमजोर हो जाती है। आज आपको अपने
वाई-फाई की रेंज बढ़ाने के स्मार्ट तरीके बताते है:
1.घर पर वाई-फाई सिग्नल को बढ़ाना- घर के बड़े फर्नीचर
वाई-फाई सिग्नल को स्लो और बोझिल बनाते हैं क्योंकि ये
वाई-फाई के सिग्नल्स में बाधा पहुंचाने का काम करते हैं इसलिए
घर के बड़े फर्नीचर जैसे बेड, अल्मारी, सोफा इत्यादि को
दीवारों के साथ रखें।
2. मेटल वाई-फाई की रेंज को बढ़ने से रोकता है इसलिए घर में
लगे शीशों को कम करें या फिर जहां वाई-फाई राउटर लगा है
वहां शीशे न लगाएं।
3. वाई-फाई राउटर के लिए सही जगह चुनें- आपका राउटर
जहां रखा होगा वहां से उसकी परफॉर्मेंस पर असर पड़ेगा।
इसलिए राउटर रखते समय इस बात का ध्यान रखें:
1.राउटर को सबसे ऊपर की मंजिल या फिर घर के सेंटर में रखें
ताकि सिग्नल घर के कोने-कोने तक पहुंचे।
2. अपने राउटर को किचन सिंक के अंदर नहीं लगाएं।
3. राउटर जमीन पर नहीं होना चाहिए उसे एक वॉल माउंट या
फिर किसी ऊंचे शेल्फ पर रखें.
4. इलेक्ट्रिक चीजें राउटर सिग्नल में बाधा लाती है इसलिए
माइक्रोवेव्स, टीवी, कॉर्डलेस फोन, हैलोजन लैंप्स और
रेफ्रिजरेटर जैसे डिवाइसेज से राउटर को कम से कम 10 फीट
की दूरी पर रखें क्योंकि रूटर की तरह ये भी 2.4 गीगाहर्ट्ज
फ्रीक्वेंसी पर काम करती है और इनकी तारें रेडियो रिसेप्शन में
बाधा पहुंचाती है।
4. आप जिस कमरे में काम करते है वहां तो वाई-फाई सिग्नल
की स्ट्रेंथ सही आती है लेकिन दूसरे कमरे में जाते ही सिग्नल
कमजोर हो जाता है या फिर ऑफिस आपके वायरलेस एक्सेस
पॉइंट से बहुत दूर है तो आपको बढ़िया सिग्नल पाने के लिए एक
वायरलेस सिग्नल रिपीटर रखना पड़ेगा। दरअसल वायरलेस
रिपीटर ज्यादा तारों को लगाए बिना कवरेज में सुधार लाता है।
अगर आपको बेहतर कवरेज चाहिए तो अपने रिपीटर को अपने
एक्सेस प्वाइंट और कंप्यूटर के बीच में रखें।
5.वाई-फाई की रेंज तब भी कम हो जाती जब कोई उसे हैक कर
लें इसलिए आप WEP के द्वारा इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे है
तो उसे बदल दें। दरअसल WEP और WPA/WPA2
सिक्योरिटी एल्गोरिदम है जो आपके नेटवर्क को हैकर्स से
बचाते है लेकिन WPA/WPA2 की तुलना में WEP बहुत कम
सिक्योर है।
6. आपका वाई-फाई जितनी कम डिवाइसेज को सपोर्ट करेगा
उतनी अच्छी स्पीड मिलेगी।
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